Twenty Fifth Day

कर्तृवाच्य और कर्मवाच्य (Active Voice And Passive Voice )

हम बात को दो प्रकार से कह सकते हैं – (i) कर्त्ता ( doer ) पर बल देते हुए, जैसे • Hari learns the first lesson. (हरि पहला पाठ याद करता है); (ii) कर्म ( receiver ) पर बल देते जैसे हुए, The first lesson is learnt by Hari. (पहला पाठ हरि द्वारा याद किया जाता है)। पहले प्रकार के वाक्य को कर्तृवाच्य ( active voice ) और दूसरे प्रकार को कर्मवाच्य ( passive voice ) कहते हैं। बातचीत करते समय कहने वाले को अपने आशय के अनुसार वाक्य का चुनाव करना चाहिए। इनका अभ्यास कीजिए और बोलने की अपनी योग्यता को बढ़ाइए।

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