पिछले दस दिनों में आप एक पड़ाव पर पहुंचे हैं। अब आपको उससे आगे बढ़ना है। अब तक हम आपको अंग्रेज़ी बोलचाल की प्रारम्भिक जानकारी दे रहे थे। अब ग्यारहवें दिन हम आपको उन सभी बातों से परिचित कराना चाहते हैं, जिन्हें जाने बिना आप अंग्रेज़ी भाषा के व्यवहार को नहीं समझ सकते। आने वाले पांच दिनों में आपको रोमन लिपि की वर्तनी, अक्षरों की बनावट, अक्षर-लेखन, रोमन लिपि में हिन्दी लेखन, अंग्रेज़ी-स्वर-व्यंजनों के विशिष्ट उच्चारण तथा अनुच्चरित वर्णों (Silent Letters) आदि विषयों की आवश्यक जानकारी दी जायेगी। इसके पश्चात् 16 वें से 19 वें दिनों में आप प्रश्नवाचक वाक्य रचना तथा नकारात्मक वाक्यों संबंधी जानकारी प्राप्त करेंगे। आइये, शुरू करें दूसरा अभियान।
दूसरा अभियान ( 2nd Expedition )
अंग्रेज़ी की लिपि रोमन है, हिन्दी की देवनागरी। अंग्रेज़ी में A से Z तक कुल 26 वर्ण होते हैं, जबकि हिन्दी में अ से ह तक 46 वर्ण होते हैं। अंग्रेज़ी वर्णमाला में वर्ण ( Letters) दो प्रकार के होते हैं बड़े ( Capital) जैसे और’छोटे ( small) जैसे आदि। फिर ये सभी वर्ण छापे में भिन्न-भिन्न आकार के होते हैं, और लिखने में भिन्न-भिन्न आकार के। इस प्रकार वर्ण चार प्रकार के हुए:
(1) छापे के बड़े ( Capital वर्ण
(2) छापे के छोटे ( Small) वर्ण
(3) लिखने के बड़े (Capital) वर्ण
(4) लिखने के छोटे ( Small) वर्ण
1)बीच की दो पंक्तियों में लिखे जाने वाले वर्ण a,c, e,i,m,n, o,r,s, v,v,w,x,z =14वर्ण
2)ऊपर की तीन पंक्तियों में लिखे जाने वाले वर्ण b, d, h, k,I t= 6 वर्ण
3)चार पंक्तियों में लिखे जाने वाले वर्ण f=1वर्ण
4)नीचे की तीन पंक्ति में लिखे जाने वाले वर्ण g,j,p,q,y=5 वर्ण
बहुत से लोग अंग्रेज़ी में अपना भद्दा लेख देखकर सिर धुनने लगते हैं और यह समझते हैं कि उनका लेख इतना खराब है कि उसमें सुधार नहीं हों सकता। कुछ लोग आशावादी होते हैं, वे अपना लेख सुधारने का यत्न करते हैं और उन्हें पूरी सफलता मिलती है। ऐसे हज़ारों उदाहरण आपको देखने को मिलेंगे। परन्तु सुलेख का रहस्य कया है क्या आप जानते हैं? अंग्रेज़ी की लिपि रोमन है। रोमन बड़ी स्टायलिश ( stylish) भाषा है। इसकी लिखाई के नियम हैं। इसके अक्षरों की चौड़ाई कम-ज्यादा होती है। आप यह अभ्यास अच्छी तरह कर लें कि कौन-सा वर्ण 2, 3 या 4 पंक्तियों में लिखा जाने वाला है। पहले आप अच्छी तरह चार लाइनों वाली कापी पर अभ्यास कीजिए। जब आपका हाथ सध जाए तो फिर यदि आप सिंगल लाइन वाली कापी में भी लिखेंगे तो भी आपका हाथ ठीक से चलेगा। अभ्यास करने पर आप देखेंगे कि आपका लेख पहले से काफी सुधर रहा है। ग्यारहवें दिन की यह सीख अपनाइए और चार लाइनों वाली कापी में एक पृष्ठ प्रतिदिन लिखिए, भले ही आप हाईस्कूल पास हों या ग्रेजुएट, अच्छी बात सीखने के लिए हर उम्र ठीक है। केवल पक्के इरादे की ज़रूरत है। लेख को सुधारने का अभियान शुरू कीजिए, हमारी शुभकामना आपके साथ है।
1.अंग्रेज़ी में बड़े ( Capital) और छोटे ( Small) दो तरह के वर्ण होते हैं। बड़े वर्णों का प्रयोग वाक्य के आरम्भ में, व्यक्तिवाचक संज्ञा में (जैसे Delhi) शब्दों के संक्षिप्त रूपों में (जैसे Doctor के लिए Dr.) तथा महीनों व दिनों के नाम (जैसे March, Saturday आदि के लिए होता है। बड़े (Capital) वर्णों के होने से भाषा देखने में अच्छी लगती है (बारहवें दिन में और देखें)।सोचिए, यदि अंग्रेज़ी में Capital लैटर न होते, तो ‘मैं’ के लिए “i’ लिखा जाता, ‘I” नहीं।
2. हिन्दी (देवनागरी लिपि में) लाइन पर शिरोरेखा डाली जाती है जबकि अंग्रेज़ी (रोमन लिपि में) लाइन के ठीक ऊपर लिखी जाती है।